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Theory Introduction of Internet : 4

Theory Introduction of Internet : 4

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1.इंटरनेट क्या है? (What is Internet)

इंटरनेट एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क है जिसमें विभिन्न प्रकार की सूचना और संचार सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसे "सूचना का सुपरहाईवे" (Information Superhighway) के नाम से भी जाना जाता है। इंटरनेट के माध्यम से आप नवीनतम वित्तीय समाचार पा सकते हैं, लाइब्रेरी कैटलॉग को ब्राउज कर सकते हैं, अपने दोस्तों के साथ जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं, या एक जीवंत राजनीतिक बहस में शामिल हो सकते हैं। यह एक ऐसा उपकरण है जो आपको टेलीफोन, फैक्स और पृथक कंप्यूटरों से परे एक व्यापक सूचना नेटवर्क तक ले जाता है।

इंटरनेट के प्रमुख घटक

  1. वेब उपयोगकर्ता (Web User):
    • वह व्यक्ति या उपकरण जो इंटरनेट पर जानकारी खोजता है और उपयोग करता है।
  2. वेब सर्वर (Web Server):
    • वह कंप्यूटर या सॉफ़्टवेयर जो इंटरनेट पर वेबसाइटों को होस्ट करता है और उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्रदान करता है।
  3. इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP - Internet Service Provider):
    • वह कंपनी जो आपको इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, Jio, Airtel, BSNL आदि।

 इंटरनेट का उपयोग कैसे करें

  • इंटरनेट का उपयोग करने के लिए पहले एक इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) से कनेक्शन लें (जैसे जियो, एयरटेल)। इसके बाद, एक मॉडेम या राउटर को अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस से कनेक्ट करें, जो वायर्ड (Ethernet केबल) या वायरलेस (Wi-Fi) हो सकता है। अपने वेब ब्राउज़र (जैसे गूगल क्रोम, मोज़िला फायरफ़ॉक्स) को खोलें और वेबसाइट का URL डालें या सर्च इंजन में अपनी क्वेरी डालकर जानकारी खोजें। सुरक्षित ब्राउज़िंग के लिए "https://" वाली वेबसाइट्स का उपयोग करें और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें। हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें।

 

 

2.मॉडेम का उपयोग कैसे करें

मॉडेम (Modulator-Demodulator) एक ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटरों को टेलीफोन लाइनों या केबल सिस्टम के माध्यम से संचार करने की अनुमति देता है। यह डिजिटल डेटा को एनालॉग संकेतों में और इसके विपरीत परिवर्तित करता है। यहां मॉडेम का उपयोग करने का एक बुनियादी मार्गदर्शन दिया गया है:

इंटरनल मॉडेम (Internal Modem)

इंटरनल मॉडेम डेक्सटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर में इंस्टॉल होता हैं जो नेटवर्क पर जुड़े कम्प्यूटरो के साथ संवाद करने के लिए काम आता हैं इंटरनल मॉडेम बाहरी मॉडेम से सस्ते होते हैं क्योकि इनको पावर आपूर्ति व चेसिस की जरुरत नहीं होती हैं आतंरिक मॉडेम के दो प्रकार हैं: डायल-अप और वाई-फाई डायल-अप मॉडेम एक टेलीफोन केबल पर काम करता हैं, उसे नेटवर्क से जुड़े टेलीफोन नम्बर की आवश्यकता होती हैं और कनेक्शन स्थापित करने के लिए लॉग-इन विवरण चाहिए होता हैं वाई-फाई मॉडेम नेटवर्क से बिना किसी लॉग-इन विवरण के कनेक्ट हो जाते हैं

बाहरी मॉडेम (External Modem)

बाहरी मॉडेम कंप्यूटर के बाहर स्थापित होता है और USB या सीरियल पोर्ट के माध्यम से कनेक्ट होता है। इसकी स्थापना सरल है; बस मॉडेम को कंप्यूटर के पोर्ट से कनेक्ट करें और इसे पावर स्रोत से जोड़ें। बाहरी मॉडेम का प्रमुख लाभ इसकी पोर्टेबिलिटी है; इसे आसानी से किसी भी कंप्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है और बिना किसी जटिलता के हटाया जा सकता है। हालांकि, यह मॉडेम अतिरिक्त पावर स्रोत की आवश्यकता के साथ आता है और कभी-कभी डेटा ट्रांसमिशन में थोड़ी विलंबता हो सकती है।

पीसी कार्ड मॉडेम (PC Card Modem)

ये मॉडेम, पोर्टेबल कंप्यूटर के लिए बनाया जाता हैं,ये एक क्रेडिट कार्ड के आकर के होते हैं और नोटबुक और हैंड हेल्ड कंप्यूटर पर पीसी कार्ड स्लॉट में फिट बैठते हैं। जब मॉडेम की जरुरत नहीं हो तब हम इसको हटा भी सकते हैं। उनके आकर को छोड़कर, PC कार्ड मॉडेम बाहरी और आंतरिक मॉडेम के एक सयोजन की तरह हैं। इन उपकरणों को पोर्टेबल कंप्यूटर में एक बाहरी स्लॉट में सीधे फिट कर दिया जाता हैं। इसमें टेलीफ़ोन केबल के आलावा और किसी केबल की आवश्यकता नहीं होती हैं। ये कार्ड कंप्यूटर द्वारा संचालित होते हैं। 

 

 

3.इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रकार

इंटरनेट कनेक्टिविटी के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो उनके उपयोग, गति, और उपलब्धता के आधार पर अलग-अलग होते हैं। यहां इंटरनेट कनेक्टिविटी के प्रमुख प्रकारों का विवरण दिया गया है:

1. डायल-अप (Dial-Up)

डायल-अप इंटरनेट कनेक्शन सबसे पुराना प्रकार है, जिसमें टेलीफोन लाइन का उपयोग करके इंटरनेट से कनेक्ट किया जाता है। यह धीमी गति (56 kbps तक) प्रदान करता है और वर्तमान में कम ही उपयोग होता है।

2. डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (DSL)

DSL इंटरनेट कनेक्शन टेलीफोन लाइनों का उपयोग करता है, लेकिन डायल-अप से तेज गति (256 kbps से 100 Mbps तक) प्रदान करता है। यह कनेक्शन लगातार चालू रहता है और फोन लाइन का उपयोग करते समय इंटरनेट कनेक्शन को बाधित नहीं करता।

3. केबल इंटरनेट (Cable Internet)

केबल इंटरनेट कनेक्शन केबल टीवी लाइनों का उपयोग करता है और उच्च गति (50 Mbps से 1 Gbps तक) प्रदान करता है। यह घरों और बड़े व्यवसायों में आमतौर पर उपयोग होता है।

4. फाइबर ऑप्टिक (Fiber Optic)

फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट कनेक्शन सबसे तेज गति (1 Gbps से अधिक) प्रदान करता है और फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग करता है। यह उच्च बैंडविड्थ अनुप्रयोगों और व्यवसायों में उपयोग होता है।

5. सैटेलाइट इंटरनेट (Satellite Internet)

सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्शन उन क्षेत्रों में उपयोग होता है जहां अन्य प्रकार के इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध नहीं होते। यह मध्यम गति प्रदान करता है और सैटेलाइट सिग्नल का उपयोग करता है। यह दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

6. वायरलेस ब्रॉडबैंड (Wireless Broadband)

वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन रेडियो सिग्नल का उपयोग करता है और वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध होता है। यह विभिन्न गति (3G, 4G, 5G) प्रदान करता है और मोबाइल डिवाइस और पोर्टेबल इंटरनेट कनेक्शन के लिए उपयुक्त होता है।

7. मोबाइल ब्रॉडबैंड (Mobile Broadband)

मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन मोबाइल नेटवर्क (3G, 4G, 5G) का उपयोग करता है और मोबाइल डिवाइस, टैबलेट और लैपटॉप के लिए उपयुक्त होता है। यह कहीं भी इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करता है जहां मोबाइल सिग्नल उपलब्ध होता है।

8. हॉटस्पॉट (Hotspot)

हॉटस्पॉट इंटरनेट कनेक्शन एक विशिष्ट स्थान पर वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध होता है। यह आमतौर पर कैफे, होटल, हवाई अड्डे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग होता है।

 

 

इंट्रानेट(Intranet)

इंट्रानेट एक निजी नेटवर्क है जो केवल एक संगठन के अंदर के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होता है। यह इंटरनेट की तकनीकों और प्रोटोकॉल का उपयोग करता है, लेकिन बाहरी दुनिया से सुरक्षित और अलग रहता है। इंट्रानेट का उद्देश्य संगठन के अंदर सूचनाओं और संसाधनों का सुरक्षित और कुशल आदान-प्रदान करना है।

इंटरनेट बनाम इंट्रानेट: विस्तृत विवरण

इंटरनेट और इंट्रानेट दोनों ही नेटवर्किंग तकनीकें हैं, लेकिन उनकी उपयोगिता, पहुंच, और सुरक्षा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। यहां इन दोनों के बीच के अंतर को विस्तार से समझाया गया है:

इंटरनेट

इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो लाखों-करोड़ों निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यावसायिक और सरकारी नेटवर्कों को आपस में जोड़ता है। यह उपयोगकर्ताओं को जानकारी का आदान-प्रदान करने, सेवाओं का उपयोग करने, और संचार करने की अनुमति देता है।

संचार के विभिन्न साधन: ईमेल, सोशल मीडिया, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, चैटिंग, आदि।

इंट्रानेट

इंट्रानेट एक निजी नेटवर्क है जो केवल एक संगठन के अंदर के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होता है। यह संगठन की आंतरिक सूचनाओं और संसाधनों के सुरक्षित और कुशल आदान-प्रदान के लिए उपयोग किया जाता है।

संचार के साधन: आंतरिक ईमेल, आंतरिक चैट सिस्टम, फोरम, और अन्य संचार उपकरण।

 

 

वेबसाइट खोलना और वेबसाइट के प्रकार

आजकल, वेबसाइटों का उपयोग हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। हम जानकारी प्राप्त करने, खरीदारी करने, संवाद करने और मनोरंजन के लिए वेबसाइटों का उपयोग करते हैं।

WWW (World Wide Web)

एक व्यापक सूचना प्रणाली है जो इंटरनेट पर जुड़ी हुई है। यह हमें विभिन्न प्रकार की जानकारी और सामग्री तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है। टिम बर्नर्स-ली द्वारा 1989 में इसका आविष्कार किया गया था। WWW के माध्यम से हम वेब पेजों को देख सकते हैं, जिनमें टेक्स्ट, छवियाँ, वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री हो सकती है। यह व्यापार, शिक्षा, मनोरंजन और अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

वेबसाइट

वेबसाइट एक ऑनलाइन स्थायी स्थान होता है जिसे वेब ब्राउज़र के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। यह एक या अधिक वेब पेजों का समूह होता है जो विभिन्न सामग्री जैसे टेक्स्ट, छवियाँ, वीडियो, और अन्य मल्टीमीडिया तत्वों को शामिल कर सकते हैं। वेबसाइट एक व्यक्ति, संगठन, व्यवसाय, सरकारी संस्था आदि द्वारा बनाई और प्रबंधित की जाती है और इंटरनेट के माध्यम से जनता तक पहुँचाई जाती है। वेबसाइटों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि जानकारी प्रदान करना, व्यापार करना, सोशल मीडिया का उपयोग करना, शिक्षा प्राप्त करना आदि।

 

वेबसाइटों की मुख्य श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:

स्थायी वेबसाइटें (Static Websites):

  • परिभाषा: स्थायी वेबसाइटें ऐसी होती हैं जिनमें निश्चित सामग्री होती है जो केवल जब तक वेबमास्टर HTML स्रोत को मैन्युअल रूप से अपडेट करे, तब तक बदलने वाली नहीं होती है।

गतिशील वेबसाइटें (Dynamic Websites):

  • परिभाषा: गतिशील वेबसाइटें वह होती हैं जिनमें सामग्री उपयोगकर्ता के इंटरैक्शन, उपयोगकर्ता की पसंद, या अन्य चरणों के आधार पर बदल सकती है।

 

URL (Uniform Resource Locator)

जिसे वेब पता के रूप में भी जाना जाता है, एक कंप्यूटर नेटवर्क पर संसाधन को खोजने और पहुंचने के लिए इस्तेमाल होता है। URL अक्सर वेब पृष्ठों (HTTP), फ़ाइल स्थानांतरण, ई-मेल या डेटाबेस एक्सेस के लिए प्रयुक्त होता है। अधिकांश उपयोगकर्ता URL को एड्रेस बार में प्रदर्शित करते हैं।

यूआरएल एक वेबसाइट, फ़ाइल, या दस्तावेज़ का स्थानांतरण करने के लिए इंटरनेट पर एक सामान्य प्रारूप में पता है।

उदाहरण:

  • प्रोटोकॉल: http://
  • डोमेन: www.google.com
  • Path: /index.html

 

 

डोमेन नेम सिस्टम

·         डोमेन नेम सिस्टम (DNS) एक प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर डोमेन नामों को उनके संख्यात्मक आईपी (IP) पतों में बदलता है, जिससे इंटरनेट प्रयोक्ताओं को सर्विसेज तक पहुंचने में सुविधा होती है। यह एक वितरित नामकरण प्रणाली है जो कंप्यूटर नेटवर्कों और इंटरनेट सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। DNS के माध्यम से, उपयोक्ता आसानी से याद रख सकते हैं कि किस डोमेन नाम से कौन सी सेवा उपलब्ध है, जैसे कि www.example.com डोमेन नाम को  198.105.232.4 IP पते में बदल दिया जा सकता है। 

·         इस प्रणाली के बिना, हर बार जब भी कोई डोमेन नाम इस्तेमाल होता है, उपयोक्ता को सीधे IP पता याद रखने की जरूरत होती, जो आमतौर पर कठिन हो सकता है। DNS सर्वर इस प्रक्रिया को संभालते हैं और सभी इंटरनेट संवादों के लिए अनिवार्य होते हैं।

 

 

वेब ब्राउज़र(Web Browser)

वेब ब्राउज़र एक सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन है जो यूज़र को इंटरनेट पर सर्फ़ करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से वेबसाइट्स, वेब पेज्स, वीडियो, ऑडियो, और अन्य ऑनलाइन सामग्री को देखा और पहुँचा जा सकता है। यह कंप्यूटर पर चलने वाला एक क्लाइंट सॉफ़्टवेयर होता है जो वेब सर्वर से डेटा अनुरोध करता है और प्राप्त जानकारी को प्रदर्शित करता है।

वेब ब्राउज़र की मुख्य कार्यक्षमताएँ शामिल हैं:

  • वेब पेज्स का प्रदर्शन: HTML, CSS, JavaScript को प्रोसेस कर वेब पेज्स को दिखाना।
  • मल्टीमीडिया सपोर्ट: वीडियो, ऑडियो, ग्राफ़िक्स, और अन्य सामग्रियों का समर्थन करना।
  • वेब फॉर्म और डाटा इंटरेक्शन: फ़ॉर्म भरने, डाटा भेजने, और स्वीकार करने की क्षमता।
  • गोपनीयता और सुरक्षा: HTTPS के माध्यम से सुरक्षित ब्राउज़िंग, पॉप-अप अवरोध, और गोपनीयता संरक्षण।
  • वैश्विक संवाद: ईमेल, सोशल मीडिया, चैट, और वैश्विक संपर्क के लिए संवाद सुविधाएँ।

प्रमुख वेब ब्राउज़र शामिल हैं: Google Chrome, Mozilla Firefox, Microsoft Edge, Apple Safari, Opera, और अन्य। इनमें से प्रत्येक का अपना यूनिक फीचर सेट होता है जो उपयोगकर्ताओं को वेब पर सुविधाएँ प्रदान करता है।

 

 

HTTP (Hyper Text Transfer Protocol):

  • परिभाषा: HTTP एक वितरित, सहायक, हाइपरमीडिया सूचना प्रणाली का प्रोटोकॉल है जो वेब डेटा के लिए एक एप्लिकेशन प्रोटोकॉल का कार्य करता है।
  • कामकाज: HTTP वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच डेटा को अनुरोध करने और उत्तर प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग जानकारी को स्थानांतरित करने में होता है जैसे कि वेब पेज्स, छवियाँ, ऑडियो, और वीडियो।
  • सुरक्षा: HTTP सुरक्षा प्रदान नहीं करता है, इसलिए इसमें डेटा का प्रेषण सुरक्षित नहीं होता है।

 

 

सर्च इंजन (Search Engine)

वेब सर्च इंजन एक सॉफ़्टवेयर है जो वर्ल्ड वाइड वेब से सम्बंधित सूचनाएँ खोजने के लिए बनाया गया है। यह सूचनाएँ सामान्यतः सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं, जिसमें वेब पेज, इमेजेज, वीडियो, और अन्य फ़ाइलों का मिश्रण हो सकता है।

वेब सर्च इंजन की मुख्य प्रक्रियाएँ निम्नलिखित होती हैं:

1.      वेब क्राउलिंग/वेब स्पाइडिंग: यह इंजन वेब पेज को ब्राउज़ करता है ताकि वहाँ के सामग्री को इंडेक्स कर सके। इसे वेब क्रॉलर या वेब स्पाइडर भी कहते हैं।

2.      इंडेक्सिंग: वेब सर्च इंजन इंडेक्सिंग के दौरान वेब पेजों की सूचनाओं को एक विशिष्ट तरीके से संग्रहित करता है। यह इंडेक्स उपयोगकर्ताओं को उनकी खोज क्वेरी के अनुसार प्राप्त परिणामों को प्रस्तुत करने में मदद करता है।

3.      सर्चिंग: इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ता द्वारा जारी की गई खोज क्वेरी के आधार पर सर्च इंजन प्राप्त परिणामों को प्रस्तुत करता है। यह रिजल्ट पेज में प्रदर्शित होता है।

ये तीनों प्रक्रियाएँ मिलकर वेब सर्च इंजन को उपयुक्त और प्रभावी बनाती हैं जिससे उपयोगकर्ताओं को उनकी खोजों के अनुसार विशिष्ट और संबंधित सूचनाएँ प्राप्त होती हैं।

  1. वेब क्राउलिंग / वेब स्पाइडरिंग:
    • परिभाषा: वेब क्राउलिंग एक प्रक्रिया है जिसमें एक सर्च इंजन सॉफ़्टवेयर वर्ल्ड वाइड वेब को व्यवस्थित रूप से ब्राउज करता है ताकि वेब पेज्स को इंडेक्स किया जा सके।
    • कार्य: वेब क्रॉलर्स, जिन्हें स्पाइडर भी कहा जाता है, वेब सामग्री को अनुसरण करते हुए हाइपरलिंक्स का पालन करते हैं और वेबसाइटों से जानकारी निकालते हैं। इससे वे वेब पेज्स की खोज और पुनर्प्राप्ति कर सकते हैं।
  2. इंडेक्सिंग:
    • परिभाषा: इंडेक्सिंग एक प्रक्रिया है जिसमें वेब क्राउलर्स द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी को संरचित रूप में संग्रहीत और संगठित किया जाता है।
    • कार्य: सर्च इंजन इंडेक्स बनाते हैं, जो कीवर्ड्स, मेटाडेटा, और अन्य संबंधित डेटा को शामिल करता है ताकि उपयुक्त खोज परिणाम प्रदर्शित किए जा सकें।
  3. सर्चिंग:
    • परिभाषा: सर्चिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं जब उपयोगकर्ता एक सर्च इंजन में अपना प्रश्न दर्ज करता है ताकि वह वेब पर संबंधित जानकारी ढूंढ सके।
    • कार्य: जब उपयोगकर्ता अपना प्रश्न दर्ज करता है, तो सर्च इंजन उसके द्वारा इंडेक्स की गई जानकारी से उपयुक्त परिणामों को प्राप्त करके प्रदर्शित करता है। इन परिणामों को प्राथमिकता, वेबसाइट की अधिकता, और अन्य एल्गोरिदम्स के आधार पर क्रमबद्ध किया जाता है।

ये प्रक्रियाएँ मिलकर वेब सर्च इंजन को उपयुक्त और व्यावसायिक ढंग से उपयोगकर्ताओं को उनके सर्च प्रश्नों के उत्तर प्रदान करने में सक्षम बनाती हैं। वेब क्राउलिंग नई और अपडेटेड सामग्री की खोज सुनिश्चित करता है, इंडेक्सिंग इसे संगठित करता है, और सर्चिंग उपयोगकर्ताओं को त्वरित रूप से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।

 

 

विकिपीडिया

विकिपीडिया एक मुक्त विश्वकोश है जो केवल इंटरनेट पर उपलब्ध है। यह एक मुक्त और सबसे बड़ा स्रोत है जो हजारों भाषाओं में लेखों को प्रदान करता है जो हर प्रकार के विषयों पर ज्ञान साझा करते हैं। विकिपीडिया की स्थापना 2001 में हुई थी और यह एक स्वैच्छिक समुदाय द्वारा संचालित होती है। इसमें लोग लेख लिख सकते हैं और उन्हें संपादित कर सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रमाणित स्रोतों के आधार पर होना चाहिए। विकिपीडिया के लेख खुले स्रोत होते हैं, अर्थात सभी लोग उन्हें पढ़ सकते हैं और संपादित कर सकते हैं।

 

ईमेल

 (Email) एक इलेक्ट्रॉनिक संदेश होता है जिसे इंटरनेट के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भेजा जाता है। यह एक डिजिटल संदेश होता है जिसमें टेक्स्ट, फाइल अटैचमेंट, छवि, वीडियो आदि शामिल हो सकते हैं। ईमेल का उपयोग व्यक्तिगत और पेशेवर उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि संदेश भेजना, दस्तावेज़ शेयर करना, नोटिफिकेशन प्राप्त करना, आदि।

ईमेल बनाना बहुत ही आसान होता है। नीचे दिए गए कुछ स्टेप्स आपको ईमेल अकाउंट बनाने में मदद करेंगे:

1.      ईमेल सर्विस चुनें: सबसे पहले, आपको किसी भी ईमेल सर्विस प्रदाता का चयन करना होगा, जैसे Gmail, Yahoo Mail, Outlook आदि।

2.      साइन अप पेज पर जाएं: अपने चुने हुए ईमेल सर्विस के वेबसाइट पर जाएं और 'साइन अप' या 'नया खाता बनाएं' विकल्प पर क्लिक करें।

3.      आवश्यक जानकारी भरें: आपको अपना पहला और अंतिम नाम, जन्मतिथि, और ईमेल पता डालना होगा। कुछ ईमेल सर्विसेज़ आपसे और अधिक जानकारी मांग सकती हैं।

4.      उपयुक्त उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड चुनें: एक उपयुक्त उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड चुनें। यह उपयोगकर्ता नाम आपके ईमेल पते का हिस्सा होगा, जैसे [email protected]

5.      सुरक्षा का ध्यान रखें: अपने ईमेल खाते के लिए एक सुरक्षित पासवर्ड चुनें और अपने खाते की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अन्य सुरक्षा सेटिंग्स का उपयोग करें।

6.      स्थापना पूरी करें: सभी आवश्यक जानकारी भरने के बाद, आपका नया ईमेल अकाउंट स्थापित हो जाएगा। अब आप अपने नए ईमेल अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं और ईमेल भेजने-प्राप्त करने में आनंद ले सकते हैं।

ईमेल पते का प्रारूप (Email Address Format) एक अंतरणित स्थायी पता होता है जिसका उपयोग इंटरनेट द्वारा संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कुछ इस प्रकार होता है:

1.      प्रयोक्ता का नाम (User Name): ईमेल पते के प्रथम भाग में प्रयोक्ता का नाम होता है, जैसे anil.kumar या priya.sharma

2.      ऐट (@) संकेत: उपयोगकर्ता का नाम और डोमेन नाम को अलग करने के लिए एक ऐट (@) संकेत होता है।

3.      डोमेन नाम (Domain Name): इसके बाद ईमेल सेवा प्रदाता का डोमेन नाम आता है, जैसे gmail.com, yahoo.co.in, आदि।

इस प्रकार, एक सामान्य ईमेल पता का प्रारूप यह होता है: username@domainname

 

मेल भेजना आसान है! आइए इसे हिंदी में समझते हैं:

** सबसे पहले, आपको एक ईमेल खाते की आवश्यकता होगी**

आप Gmail, Yahoo Mail, या Outlook.com जैसी कई निःशुल्क ईमेल सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। इन वेबसाइटों पर जाकर आप अपना निःशुल्क ईमेल खाता बना सकते हैं।

जब आपका ईमेल खाता बन जाता है, तो आप ईमेल लिख और भेज सकते हैं

आपके ईमेल सेवा प्रदाता के वेबपेज पर, आपको एक "लिखें" या "रचना करें" जैसा बटन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करने से एक नया ईमेल खुल जाएगा।

ईमेल लिखना

  • प्राप्तकर्ता (To): यह वह जगह है जहाँ आप उस व्यक्ति का ईमेल पता लिखते हैं जिसे आप ईमेल भेजना चाहते हैं।
  • CC क्षेत्र में आप जिन लोगों के ईमेल पते डालते हैं, उन्हें ईमेल प्राप्त होगा और वे यह भी देख सकेंगे कि ईमेल को किन अन्य लोगों को CC किया गया है।

·  BCC का मतलब "ब्लाइंड कार्बन कॉपी" होता है।

·  BCC क्षेत्र में आप जिन लोगों के ईमेल पते डालते हैं, उन्हें ईमेल प्राप्त होगा, लेकिन वे यह नहीं देख पाएंगे कि ईमेल को किन अन्य लोगों को भेजा गया था। उनकी गोपनीयता बनी रहती है।

  • ·  इसका उपयोग उन लोगों को ईमेल भेजने के लिए किया जाता है, जिनके ईमेल पते को गुप्त रखना होता है या जिन्हें यह जानने की आवश्यकता नहीं है कि ईमेल को और किन लोगों को भेजा गया था। उदाहरण के लिए, आप किसी समूह को ईमेल भेजने के लिए BCC का उपयोग कर सकते हैं, जहाँ आप नहीं चाहते कि वे एक-दूसरे के ईमेल पते देखें।
  • विषय (Subject): यह ईमेल के बारे में संक्षिप्त जानकारी देता है।
  • संदेश (Body): यहाँ आप अपना ईमेल लिखते हैं।

ईमेल भेजना

जब आप अपना ईमेल लिख लेते हैं, तो बस "भेजें" बटन पर क्लिक करें और आपका ईमेल रास्ते पर होगा!

 

राजस्थान पोर्टल: राजस्थान सरकार की उपयोगी वेबसाइट

राजस्थान पोर्टल (https://jansoochna.rajasthan.gov.in/Scheme) राजस्थान सरकार की एक आधिकारिक वेबसाइट है जो नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाओं तक ऑनलाइन पहुंच प्रदान करती है।

पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं में शामिल हैं:

  • ई-गवर्नेंस सेवाएं:
    • जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, और निवास प्रमाण पत्र जैसे विभिन्न प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन
    • बिजली बिल, पानी के बिल, और गैस बिल का भुगतान
    • भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति कर का विवरण प्राप्त करना
    • वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन
  • विभागीय सेवाएं:
    • विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़ी जानकारी और सेवाएं प्राप्त करना
    • शिकायत दर्ज करना और उनकी स्थिति की जांच करना
    • विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करना
  • अन्य सेवाएं:
    • सरकारी नौकरी के लिए आवेदन
    • आरटीआई आवेदन जमा करना
    • पर्यटन स्थलों और गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना

पोर्टल का उपयोग करने के लिए, आपको पहले एक खाता बनाना होगा। खाता बनाने के लिए, आपको अपना नाम, ईमेल पता, और मोबाइल नंबर प्रदान करना होगा।

खाता बनने के बाद, आप पोर्टल पर विभिन्न सेवाओं का उपयोग करना शुरू कर सकते हैं। पोर्टल का उपयोग करना आसान और सुविधाजनक है।

यहां कुछ अन्य उपयोगी वेबसाइटें हैं जो राजस्थान सरकार द्वारा संचालित हैं:

  • राजस्थान संपर्क पोर्टल (https://sampark.rajasthan.gov.in/): नागरिकों को शिकायत दर्ज करने और विभिन्न सरकारी सेवाओं से संबंधित प्रश्नों का समाधान प्राप्त करने के लिए एक मंच।
  • जन सूचना पोर्टल (https://jansoochna.rajasthan.gov.in/): विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए।
  • राजस्थान सरकार की वेबसाइट (https://rajasthan.gov.in/): राजस्थान सरकार और इसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए।

    

 

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है और इसे उनकी वेबसाइट के माध्यम से किया जाता है. आइए इसे चरण-दर-चरण समझते हैं:

चरण 1: RPSC वेबसाइट पर जाएं

सबसे पहले, आपको RPSC की वेबसाइट पर जाना होगा। आप इस लिंक का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ध्यान दें कि भविष्य में किसी भी बदलाव के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट देखना सबसे अच्छा होता है: https://rpsc.rajasthan.gov.in/

चरण 2: पंजीकरण करें (यदि आपका पहले से खाता नहीं है)

यदि आपका पहले से RPSC वेबसाइट पर खाता नहीं है, तो आपको पंजीकरण करना होगा। वेबसाइट पर "Apply Online" अनुभाग खोजें और "New User Registration" लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद, आपको अपना विवरण दर्ज करके पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

चरण 3: लॉग इन करें

यदि आपका पहले से ही खाता है, तो लॉग इन अनुभाग में अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करके लॉग इन करें।

चरण 4: भर्ती विज्ञापन खोजें

लॉग इन करने के बाद, आपको उन पदों के लिए भर्ती विज्ञापन देखने होंगे जिनके लिए आप आवेदन करना चाहते हैं। ये विज्ञापन "Recruitment Advertisements" अनुभाग में उपलब्ध होंगे।

चरण 5: आवेदन पत्र भरें

अपने इच्छित पद के लिए भर्ती विज्ञापन पाए जाने के बाद, "Apply Online" बटन पर क्लिक करें। यह आपको आवेदन पत्र भरने के लिए ले जाएगा। आवेदन पत्र में सावधानीपूर्वक अपना विवरण भरें, जिसमें आपकी शैक्षणिक योग्यता, कार्य अनुभव (यदि लागू हो), और संपर्क जानकारी शामिल है। सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन कर के अपलोड करने के लिए तैयार हैं।

चरण 6: आवेदन शुल्क का भुगतान करें

आवेदन पत्र भरने के बाद, आपको आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है।

चरण 7: आवेदन पत्र जमा करें

आवेदन शुल्क का भुगतान करने के बाद, आवेदन पत्र को अंतिम रूप से जमा करें। जमा करने के बाद, आप अपना आवेदन पत्र का एक प्रिंटआउट ले सकते हैं।

कुछ अतिरिक्त युक्तियाँ:

  • आवेदन पत्र भरने से पहले भर्ती विज्ञापन को ध्यान से पढ़ें और पात्रता मानदंड सुनिश्चित करें।
  • आवेदन पत्र भरते समय सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करने के लिए तैयार रहें।
  • आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि से पहले आवेदन करें।
  • आवेदन पत्र जमा करने के बाद, अपना लेन-देन संदर्भ संख्या संभाल कर रखें।

 

 RTE Portal (Right To Education) और Education Portal दोनों शिक्षा से जुड़े हुए महत्वपूर्ण संसाधन हैं, लेकिन उनके उपयोग अलग-अलग हैं:

RTE Portal

  • खास तौर पर Right To Education (RTE) Act 2009 से जुड़ा हुआ है।
  • इसका मुख्य उपयोग है:
    • अभिभावकों को अपने बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार के बारे में जानकारी देना।
    • 6 साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25% सीटों तक मुफ्त प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाना। (यह कार्यक्षेत्र राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है)
    • स्कूलों को आरटीई अधिनियम के तहत दिशानिर्देशों और दायित्वों के बारे में जानकारी प्रदान करना।

 


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