अकाउंट्स का मतलब है लेखा-जोखा यानी पैसों का हिसाब किताब रखना. यह केवल बिजनेस के लिए ही नहीं हर घर के लिए भी जरूरी है] जैसे यदि किसी घर में ₹100000 मंथली आता है और वह पैसों का हिसाब नहीं रखेगा तो महीने का आखरी आते हुए उसकी हालत ऐसी होगी कि उसके पास पैसे भी नहीं बचेगा। कोई इंपॉर्टेंट काम होगा तो उसके लिए भी उसके पास पैसे नहीं रहेंगे और उसे यह भी मालूम नहीं रहेगा कि मेरा पैसा कहां खर्च हुआ।
इसी प्रकार यदि वह बजट नहीं बनाता है कि मुझे इस चीज के लिए इतना पैसा खर्च करना चाहिए या इतना पैसा इमरजेंसी के लिए बचा कर रखना चाहिए या इतना पैसा मुझे एजुकेशन पर खर्च करना चाहिए तो कभी कोई मेडिकल काम होने पर उसकी जेब में पैसा शायद हो या नहीं भी हो, ऐसा हो सकता हैA हमारे जीवन में हम जितने भी तरक्की करते हैं वह हमारे नॉलेज के आधार पर निर्भर करती है और वह नॉलेज हमारा एजुकेशन से ही बढ़ता है। एजुकेशन जीवन में बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार बिजनेस में अकाउंट का बहुत अधिक महत्व है गवर्नमेंट नियमों के अनुसार भी हमें बिजनेस का हिसाब रखना अनिवार्य है चाहे बिजनेस छोटा हो या बड़ा गवर्नमेंट को हमें हिसाब देना ही होगा और वह तभी पॉसिबल है जब हम अकाउंट को मेंटेन करेंगे।
अकाउंट का मतलब केवल यह नहीं है कि कितना पैसा आया कितना पैसा गयाA हमने क्या खरीदा क्या बेचा इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें होती है। जैसे कि हमें किस एक्सपेंसेस के लिए कितना पैसा खर्च करना चाहिए, उसका एक बजट बनाया जाता है। यदि अकाउंट मेंटेन नहीं है तो बजट नहीं बनाया जा सकेगा और हम बिजनेस में पैसा कहां कितना खर्च करना चाहिए।यह हमें कभी मालूम नहीं चलेगा और ऐसा भी हो सकता है कि हम कई वर्षों तक बिजनेस करते रहे और अंत में हमें मालूम चले कि बिजनेस तो नुकसान में चल रहा था और हम पूरी तरह से कर्ज में डूबे हुए हैं।अकाउंट को सही तरह से मेंटेन करना बहुत जरूरी है। एक बिजनेस में हमें यह भी मालूम होना चाहिए कि इस व्यक्ति को हमें कितना माल उधार में देना है यदि हम अकाउंट मैनेज नहीं करेंगे तो हमें यह ध्यान नहीं रहेगा। इस व्यक्ति को हमने कितना उधार दे चुके हैं। किसी व्यक्ति की हैसियत ही 500000 की है और हमने अकेले ने ही उसको 4 से ₹5 लाख का माल बेच दिया है और वह पैसा लेकर भाग जाता है या हमारी उधार नहीं चुका पाता है या खुद को दिवालिया घोषित कर देता है । ऐसी स्थिति में हमें बहुत भारी नुकसान हो सकता है इसीलिए अकाउंट में एक सिस्टम होता है क्रेडिट लिमिट या लेजर कंट्रोल।
अकाउंट से ही हमारे बिजनेस की अथॉरिटी का मालूम चलता है। Financial Year 1 April से शुरू होता है। उसमें हमने कितना पैसा खर्च किया है, हमने कितने की संपत्ति खरीदी है, कितने का माल खरीदा है,कितने का माल बेचा है, कितने लोग हम से पैसा मांगते हैं, कितने लोगों को हमने पैसा माल उधार दे रखा है।यह सभी हमें अकाउंट से ही मालूम चलेगा। इसी के आधार पर इस साल में हमें बिजनेस में प्रॉफिट हुआ है या नुकसान हुआ है। उसका सही अनुमान लगेगा या सही रिजल्ट निकलेगा अकाउंट के बिना यह पॉसिबल नहीं है।
यदि एक बिजनेसमैन अकाउंट नहीं समझता है और वह बिजनेस करेगा तो उसे फायदे के स्थान पर नुकसान हो सकता है। इसलिए हर बिजनेसमैन को अकाउंट आना ही चाहिए। मुझे तो ऐसा लगता है कि बिजनेस शुरू करने से पहले व्यक्ति को अकाउंट सीखना ही चाहिए। आजकल अकाउंट के बहुत सारे सॉफ्टवेयर ऑनलाइन आ गए हैं जिनमें काम ऑनलाइन ही होता है । अतः हर बिजनेसमैन को कंप्यूटर एकाउंटिंग कंप्यूटर वर्क आना ही चाहिए। जिससे बिजनेस संभालना बहुत ही आसान हो जाएगा। अकाउंट में सबसे फेमस जो सॉफ्टवेयर इंडिया में है वह है टैली । मार्ग, क्विक बुक, Busy, Shape आदि जैसे कई और एकाउण्ट्स साफ्टवेयर्स भी है। इसके अलावा बहुत सारे सॉफ्टवेयर हैं जो अकाउंट में चल रहे हैं उनमें सबसे ज्यादा पॉपुलर है Tally उसका लेटेस्ट वर्जन है TallyERP 9 6.6 Release. किसी व्यवसाय के बारे में वित्तीय लेन देन के बारे में व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड रखना और विश्लेषण करना ही अकाउंट्स है। वित्तीय लेनदेन को व्यवस्थित रिकॉर्ड रखने के लिए जरूरी है।
अकाउंट्स के आधार पर व्यवसाय की इनकम और खर्चों का लेखा-जोखा रखा जा सकता हैA सरकार को वित्तीय जानकारी देने के लिए भी यह जरूरी है। लाभ या हानि निकालने के लिए भी आपको अकाउंट जरूरी है। किसी डेट विशेष पर आपके व्यवसाय की क्या वितीय स्थिति है यह भी आपको अकाउंट से ही मालूम चल सकती है। आपके पास कितना कैश फ्लो है, बैंक में कितना बैलेंस है। सभी हमें अकाउंट से ही मालूम चलेगा। माल काstock कितना है, कौनसे गोडाउन में कितना माल रखा हुआ है, यह सभी हमें लेखा-जोखा रखने से ही मालूम चल सकता है नहीं तो ऐसा होगा कि कोई ग्राहक हमारे पास माल लेने आया और हमें यह ध्यान भी नहीं है कि गोडाउन में वह माल रखा है या नहीं रखा हुआ है। हम नए माल भी ऑर्डर तभी दे पाएंगे जब हमारे पास पुराने माल का स्टॉक रिकॉर्ड होगा।
यह व्यवसाय के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मदद करता है । यह टेक्स संबंधित जानकारी के लिए भी महत्वपूर्ण है कि हमें कितना टैक्स गवर्नमेंट को जमा कराना है।
Dr.A.K. Jain
For Anil Conmputers, Best Computer Center in Udaipur
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