Angel Tax:- यदि कोई अनलिस्टेड कंपनी फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा रेट पर शेयर इश्यू करती है। तो कंपनी को इंश्यू के लिए फेयर मार्केट से जितनी ज्यादा रकम मिलती है। उसे दूसरे Source से हासिल Income माना जाएगा और उसी हिसाब से एंजल टैक्स लगता है। यह नयी स्टार्टअप कंपनी के शुरूआती दौर मे पूँजी उपलब्ध करवाता है और निवेश को प्रभावित करता है। इसलिए इसे एंजल Tax कहा जाता है।

सरकार को अनलिस्टेड और अनजान सी कम्पनियों मे निवेश के जरिए काले धन को सफेद करने की जानकारी मिलने पर यह कदम उठाया गया। इस टैक्स का प्रावधान 2012 में पूर्व वित मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा लाया गया था।
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