साइबर सुरक्षा यानि हमारे Computer की सुरक्षा करना।साइबर सुरक्षा का अर्थ कम्प्युटर हाईवेयर, सोफ्टवेयर, डेटा या सूचना को किसी प्रकार का नुकसान एवं चोरी आदि से बचाना। इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग के कारण निरन्तर साइबर Crime बढ़ता जा रहा है।
इस दूर करने के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है।
साइबर खतरों के प्रकार :- जो हमारे अनुमति के बिना Computer में प्रवेश करता हैं। वह साइबर खतरा है। इसके कई प्रकार है और इसे दूर करने के उपाय भी आपको बताए जा रहे है।
- मेलवेयर – मेलवेयर हमारे Computer से डेटा की चोरी व डेटा को नष्ट करने का प्रयास करता है। यह ई मेल अटैचमेंट, सोफ्टरवेयर डाउनलोड व ओपरेटिंग सिस्टम की कमजोरियों के माध्यम से प्रवेश कर लेता है।
यह तीन प्रकार के होते है-
- वायरस
- ट्रोजन होर्स
- स्पाइवेयर
- वायरस – एक एक प्रकार के प्रोग्रामस है। जो Computer को Slow कर देते है या कई बार Computer को Hang कर देते है।
- स्पाइवेयर – यह एक ऐसा Software है जो आपके Computer की जासूसी करता है इसे “Key Logger” के रूप में भी जाना जाता हे।
- ट्रोजन होर्स- यह चुपके से हमारे Computer पर वायरस या किसी अन्य प्रकार के मैलवेयर को डाउनलोड कर लेता है।
- फिशिंग- हमारे ई मेल पर एक लिकं भेजा जाता है जिस पर यदि हम Click करते है तो हमारी
व्यक्तिगत जानकारी पुछी जाती है जैसे- पासवर्ड,नाम,जन्म तारीख, पिन आदि।
- पासवर्ड हमले- पासवर्ड अटैक में, कोई अनजान व्यक्ति हमारे सिस्टम से बैकं के खातों, ई- मेल खातों तक पहुँचने का प्रयास करता है। एल्गोरिथ्म सोफ्टवेयर का उपयोग करके हमलावर हमारा पासवर्ड पता लगाने की कोशिश करता हैं।
- मेलवर टाईजिन – इस हमले में हमलावर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन को अपलोड कर लेते हे यदि हम इस विज्ञापनों पर Click करते हे तो यह मेलवेयर को हमाने Computer पर Install कर देता है।
- सिस्टम सिक्योरिटी में सेध- इसे आमतौर पर हैकिंग/क्रैकिंग कहा जाता है। हमारे Computers System की Secure Files की जानकारी ले लेता है।
- वेब हमले – S Q L Injection में लोग इन Forms में उपस्थिल User Name और Password fields के द्वारा S Q L Command input करके सर्वर पर एक्सीक्यूट करवाया जाता है।
- सेशन अपहरण – इस हमले में हमलावर क्लाइंट मशीन और सर्वर के बीच एक औथेन्टीकेशन सेशन (Authenticated Session) की निगरानी करता है।
- डी एन एस पोईजनींग – D N S (Domain Name Server) डोमेन नामों जैसे- www.anilcomputersudaipur.com)को Computer और रूटर को समझने वाली भाषा आईपी ऐड्रेस में तब्दील कर देता है।
साइबर खतरो से बचने के कुछ निम्न उपाय है-
- किसी अनजान द्वारा भेजे गए लिंक को ओपन नही करना और ना ही ई मेल अटेचमेंट को डाउनलोड करें।
- एक मजबूत एंटीवायरस और नवीनतम ओपरेटिग सिस्टम को इनस्टाल करें।
- यदि हमें ई मेल भेजने वाले के बारे में जानकारी नही हैं तो उसे Open नही करें। इससे फिशिंग अटेक से बच सकते है।
- हमें हमारा पासवर्ड ऐसा बनाना चाहिए जिसका अनुमान लगाना आसान नही हो । जैसे उसमें Upper Case Letters, Lowes Case Letters, Number और स्पेशल करैक्टर (!, @, #, %) और पासवर्ड न्युनतम 8 करैक्टर का हो।
- समय-समय पर अपना Password Change करते रहे।
- हमारे Computer मे नियमित रूप से सोफ्टवेयर अपडेट करते रहना चाहिए और हमारे Computer सिस्टम मे आने वाले डेटा की निगरानी करते रहना चाहिए।
- ऐसे विज्ञापनों पर Click न करें जो वास्तविक से लगते हो।
- उन्ही Websites को Open करे जिन पर ‘Padlock’ और ‘https://’ हो।
- Websites address को देखें, जांच करें की उसकी स्पेलिग सहीं है या नहीं।
- यदि हमें किसी Website पर शक हो तो internet पर search कर लेना चाहिए की website बेईमान तो नहीं हैं।
- जब भी हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे-पासवर्ड, डेविट कार्ड, क्रेडिट कार्ड ओर पिन आदि कही दर्ज करतें है तो Check ले कि वह website सुरक्षित है उसके कुछ तरीके हैं।
11.1 लोग इन करते समय चेक करे कि ब्राउजर विड़ो में एक पैडलोक (Padlock) बना हुआ होA
11.2 वेब पते को ‘Https://’ के साथ शुरू होना चाहिए इसमें ‘S’ का अर्थ हैं सिक्योर (Secure)
11.3 ऐसी वेबसाइड जिन्हें आप नहीं जानते हैं, उनका उपयोग करतें समय एक सत्यापन प्रमाण पत्र देखें। प्रमाण पत्र का प्रकार ब्राउजर फ्रेम मे Padlock पर click करके देखा जा सकता है।
अतः उपर्युक्त उपायों को अपनाकर हम Cyber-Crime से बच सकते हैं।
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